भारत-फिनलैंड वर्चुअल शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 मार्च, 2021 को अपने फिनलैंड के समकक्ष सना मारिन (Sanna Marin) के साथ एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया।

मुख्य बिंदु

इस वर्चुअल समिट में, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर किया। उन्होंने पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।

भारत-फिनलैंड संबंध (India-Finland Relations)

भारत और फ़िनलैंड के मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं जो स्वतंत्रता, लोकतंत्र और नियमों पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के साझा मूल्यों पर आधारित है। दोनों देश शिक्षा, व्यापार और निवेश, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, नवाचार, अनुसंधान और विकास के क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग करते हैं। दोनों देशों ने सामाजिक चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए एक क्वांटम कंप्यूटर के संयुक्त विकास के लिए भी सहयोग किया है। इसके अलावा, 100 से अधिक फिनिश कंपनियां भारत में सक्रिय रूप से लिफ्ट, दूरसंचार, मशीनरी और ऊर्जा सहित क्षेत्रों में काम कर रही हैं। इसके अलावा, लगभग 30 भारतीय कंपनियां फिनलैंड में आईटी, ऑटो-कंपोनेंट्स और आतिथ्य सहित विभिन्न सेक्टर्स में काम कर रही हैं।

पृष्ठभूमि

दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध वर्ष 1949 में स्थापित हुए थे। इसके बाद, ह्यूगो वल्वने भारत का दौरा करने वाले फिनलैंड के पहले दूत बने थे। फिनलैंड ने नई दिल्ली में अपना दूतावास स्थापित किया है और चेन्नई, बैंगलोर, मुंबई और कोलकाता में वाणिज्य दूतावास स्थापित किये हैं जबकि भारत का हेलसिंकी में एक दूतावास है।

आर्थिक संबंध

वर्ष 2014-15 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 1.247 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और 2016-17 तक यह 1.284 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। वर्ष 2016 में, फिनलैंड दुनिया भर में भारत का 60वां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार था, जबकि यूरोपीय संघ के भीतर यह 10वां सबसे बड़ा भागीदार था। इसी तरह से, भारत फिनलैंड का 23वां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार था।

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