अफ्रीकी हाथियों पर IUCN द्वारा नया आकलन : मुख्य बिंदु

इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (International Union for Conservation of Nature – IUCN) की रेड लिस्ट में हाल ही में पता चला है कि, जंगलों और सवाना में रहने वाले अफ्रीकी हाथियों के विलुप्त होने का खतरा है। जिसके बाद, संरक्षणवादियों ने अवैध शिकार को तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया है।

मुख्य बिंदु

IUCN द्वारा किए गए नए आकलन उन दबावों को रेखांकित करते हैं जिनका अफ्रीका में हाथियों की दो प्रजातियों को हाथी दांत (ivory) के लिए अवैध शिकार और मानव अतिक्रमण (human encroachment) के कारण सामना करना पड़ रहा हैं। इस सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि, सवाना हाथी (Savanna Elephant) “लुप्तप्राय” था, जबकि छोटे, हल्के जंगली हाथी “गंभीर रूप से लुप्तप्राय” थे। इससे पहले, IUCN ने हाथियों की दोनों प्रजातियों को “कमजोर” (Vulnerable) माना था।

सवाना हाथियों की आबादी (Population of Savanna Elephants)

IUCN के आंकड़ों ने बताया कि अफ्रीका से सवाना के हाथियों की आबादी कई प्रकार के आवासों में पाई जाती है जो पिछले 50 वर्षों में लगभग 60% कम हो गई थी। मध्य अफ्रीका में पाए जाने वाले जंगली हाथियों की संख्या भी 31 वर्षों में 86% कम हो गई है। IUCN के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका के कवांगो-ज़ाम्बज़ी ट्रांसफ्रंटियर संरक्षण क्षेत्र (Kavango–Zambezi Transfrontier Conservation Area) में, सवाना हाथियों की संख्या स्थिर या बढ़ रही थी।

अफ्रीकी हाथी (African Elephant)

यह दो जीवित हाथी प्रजातियों के साथ एक जीनस है, जो अफ्रीकी झाड़ी हाथी (African Bush Elephant) और छोटा अफ्रीकी वन हाथी (African Forest elephant) है। उन्हें IUCN रेड लिस्ट में विलुप्त होने के भारी जोखिम पर माना जाता है।

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