ट्रिपल म्यूटेंट वेरिएंट (Triple Mutant Variant) क्या है?
वर्तमान में भारत COVID-19 संकट से जूझ रहा है, COVID-19 का एक ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट एक नए खतरे के रूप में सामने आया है। इसे “बंगाल वेरिएंट” भी कहा जा रहा है। ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट की पहचान पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली और छत्तीसगढ़ में की गई है।
ट्रिपल म्यूटेंट वेरिएंट क्या है?
ट्रिपल म्यूटेंट वेरिएंट डबल म्यूटेशन से विकसित हुआ है। ट्रिपल म्यूटेंट वेरिएंट में, तीन अलग-अलग COVID-19 उपभेदों ने मिलकर एक नया वेरिएंट तैयार किया है।
हाल ही में, एक डबल म्युटेंट वेरिएंट भारत में तेजी से फैल रहा है। इस डबल म्युटेंट को E484Q और L452R नाम दिया गया है। E484Q को यूके और दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था। L452R उत्परिवर्तन कैलिफोर्निया में पाया गया था।
हालांकि, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने हाल ही में घोषणा की कि COVAXIN इन म्यूटेशन के खिलाफ काम करता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी सफलतापूर्वक म्यूटेशन को अलग कर रहा है और टीकों के खिलाफ उनका परीक्षण कर रहा है। इसके अलावा, INSACOG प्रयोगशालाएं इन उत्परिवर्ती वेरिएंटों की जीनोम अनुक्रमण प्रक्रिया कर रही हैं। INSACOG का अर्थ Indian SARS CoV-2 Genomic Consortia है।
म्युटेंट स्ट्रेन खतरनाक क्यों हैं?
- जैसे ही यह उत्परिवर्तित (mutated) होता है, वायरस की संक्रामकता बढ़ जाती है।यानी एक उत्परिवर्ती वायरस तेजी से फैलता है।
- एक उत्परिवर्ती वायरस रोग की गंभीरता को बढ़ाता है।
- वायरल डायग्नोस्टिक परीक्षणों द्वारा वायरस का पता लगाने से बचने की क्षमता बढ़ जाती है।
- म्यूटेंट टीकाकरण के खिलाफ सुरक्षा को विकसित करने में सक्षम हैं।
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