RBI ने मौद्रिक नीति (Monetary Policy) में दरों को अपरिवर्तित रखा
4 जून, 2021 को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के तहत विभिन्न दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया।
मुख्य बिंदु
- रेपो रेट को 4.25% पर अपरिवर्तित रखा गया है।
- रिवर्स रेपो दर को 3.35% पर रखा गया है।
- वित्त वर्ष 2022 के लिए जीडीपी वृद्धि के 9.5% रहने का अनुमान है।
रेपो दर (Repo Rate)
रेपो दर वह दर है जिस पर भारतीय रिज़र्व बैंक देश के वाणिज्यिक बैंकों को धन उधार देता है।
रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate)
रिवर्स रेपो दर वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक देश में वाणिज्यिक बैंकों से पैसा उधार लेता है।
CPI
CPI का अर्थ Consumer Price Index (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) है। यह वह उपाय है जो घरों द्वारा खरीदी गई वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों के भारित औसत की जांच करता है।
MSF दर
MSF का अर्थ Marginal Standing Facility (सीमांत स्थायी सुविधा) है। यह वह दर है जिस पर RBI सरकारी प्रतिभूतियों के खिलाफ अनुसूचित बैंकों को धनराशि देता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना हुई थी। शुरू में रिज़र्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय कोलकाता में स्थापित किया गया था लेकिन 1937 में स्थायी रूप से इसे मुंबई में हस्तांतरित कर दिया गया था। केंद्रीय कार्यालय वह स्थान है, जहां गवर्नर बैठता है तथा जहां नीतियां तैयार की जाती हैं। 1949 मे राष्ट्रीयकरण के बाद से रिज़र्व बैंक पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में है।
RBI का राष्ट्रीयकरण
स्वतंत्रता के बाद, सरकार ने Reserve Bank (Transfer to Public Ownership) Act, 1948 पारित किया और निजी शेयरधारकों को उचित मुआवजे का भुगतान करने के बाद आरबीआई को अपने नियंत्रण में ले लिया। इस प्रकार, आरबीआई का राष्ट्रीयकरण 1949 में हुआ और 1 जनवरी, 1949 से आरबीआई ने सरकारी स्वामित्व वाले बैंक के रूप में काम करना शुरू किया ।
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