केंद्र सरकार ने भारतीय निजी कंपनियों को रॉकेट लॉन्च साइट बनाने और संचालित करने की अनुमति दी

केंद्र सरकार ने निजी कंपनियों को देश के भीतर और बाहर रॉकेट लॉन्च साइट स्थापित करने और संचालित करने की अनुमति दी है। हालांकि, इसके लिए पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी।

मुख्य बिंदु

  • मसौदा राष्ट्रीय अंतरिक्ष परिवहन नीति-2020 (Draft National Space Transportation Policy-2020) कोअंतरिक्ष विभाग द्वारा पेश किया गया था, IN-SPACe समग्र अनुमोदन के लिए जिम्मेदार नोडल एजेंसी है।
  • इस नीति के अनुसार, भारतीय या विदेशी क्षेत्र से किसी भी कक्षीय या उप-कक्षीय रॉकेट का लांच Indian National Space Promotion & Authorization Center (IN-SPACe) से अनुमति के बाद ही किया जा सकता है।
  • मिशन को स्वयं या लीज पर ली गयी लॉन्च साइट या जमीन, समुद्र या वायु जैसे मोबाइल प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है।
  • वर्तमान में, अग्निकुल कॉसमॉस (Agnikul Cosmos) छोटे उपग्रहों को कक्षा में लॉन्च करने के लिए छोटे रॉकेट विकसित कर रहा है। स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) एक अन्य छोटा रॉकेट निर्माता है।
  • इस नीति के अनुसार, IN-SPACe प्राधिकरण को अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुसार राष्ट्र की देयता को पूरा करने के लिए अपने स्वामित्व के तहत प्रस्तावक द्वारा वित्तीय गारंटी या बीमा कवर की आवश्यकता होती है।
  • यदि लांच भारत के बाहर किया जाएगा, तो किसी अन्य देश या क्षेत्र में गतिविधियों के दायरे को शुरू करने के लिए आवश्यक सभी अनुमोदन संबंधित राष्ट्र या क्षेत्र के कानूनों के अनुसार होंगे।
  • उस क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले प्रशासन का अनुपालन और अनुमोदन जहां से लांच किया जाता है, प्रस्तावक द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा।

नीति का महत्व

सरकार द्वारा घोषित इन सुधारों का उद्देश्य भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र की संभावनाओं को उजागर करना है। यह उद्यमियों को लागत प्रभावी और अंतरिक्ष परिवहन प्रणालियों में निवेश करने के लिए आकर्षित करने की अपेक्षा करता है। यह अंतरिक्ष परिवहन के सभी पहलुओं जैसे लॉन्चिंग, लॉन्चपैड और री-एंट्री को कवर करने वाली व्यापक नीति है।

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