दालों पर OECD-FAO ने आउटलुक रिपोर्ट जारी की
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (Organisation for Economic Co-operation and Development – OECD) और खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने हाल ही में “OECD-FAO Outlook Report 2021-2030” प्रकाशित की है, जिसमें प्रमुख फसलों के संबंध में आंकड़े दिए गये हैं।
मुख्य बिंदु
भारत वैश्विक दालों में किसी भी अनुमान के लिए केंद्र है क्योंकि यह दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक, प्रोसेसर, आयातक और उपभोक्ता है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- इस रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक वैश्विक दालों की आपूर्ति में 22 मिलियन टन (mt) की वृद्धि होगी, जिसमें से आधी आपूर्ति एशिया, विशेष रूप से भारत से आने की उम्मीद है।
- उच्च उपज देने वाले संकर बीज, समर्थित मशीनीकरण, न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था और खरीद प्रणाली की शुरूआत के परिणामस्वरूप अतिरिक्त 6.6 मिलियन टन का उत्पादन किया जाएगा।
- विश्व दालों का व्यापार पिछले दस वर्षों में बढ़कर 17 मिलियन टन (13 मिलियन टन से) हो गया है और भारत के दालों में आत्मनिर्भर बनने के प्रयासों के कारण 2030 तक 19 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है।
रिपोर्ट की कमियां
- इस रिपोर्ट में भारत के दलहन उत्पादन की ज्ञात कमजोरियों की अनदेखी की गई है और यह आधिकारिक फसल अनुमानों और सरकार के बयानों के समान है। इस प्रकार, उत्पादन अनुमान 10% अधिक दिया गया है।
- दलहन की बिजाई का रकबा अपनी सीमा पर पहुंच रहा है। 2020-21 में क्षेत्रफल बढ़कर 28 मिलियन हेक्टेयर हो गया है (2015-16 में 24 मिलियन हेक्टेयर से)। लेकिन यह हमेशा के लिए विस्तारित नहीं हो सकता।
- इसके अलावा, बीजों में कोई बड़ी तकनीकी सफलता नहीं मिली है।
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