लोकसभा में आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक (Essential Defence Services Bill) पेश किया गया

22 जुलाई को आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक (Essential Defence Services Bill) लोकसभा में पेश किया गया।

मुख्य बिंदु

  • आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक देश भर में सरकारी स्वामित्व वाली सभी आयुध कारखानों (ordnance factories) के कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोकने के उद्देश्य से पेश किया गया है।
  • इस विधेयक में कहा गया है कि सशस्त्र बलों को उन्नत युद्धक्षेत्र गियर (advanced battlefield gears) से लैस करने में आत्मनिर्भरता के लिए रक्षा के लिए उपकरण और हार्डवेयर महत्वपूर्ण हैं।साथ ही देश की रक्षा तैयारी के लिए निर्बाध आपूर्ति बहुत आवश्यक है और इसलिए आयुध कारखानों को कर्मचारियों द्वारा बिना किसी व्यवधान या हड़ताल के काम करना जारी रखना चाहिए।

यह विधेयक सरकार को किस क्षेत्राधिकार की अनुमति देता है?

इससे सरकार बिल में उल्लिखित सेवाओं को आवश्यक रक्षा सेवाएं घोषित कर सकेगी। यह विधेयक देश की किसी भी आवश्यक रक्षा सेवाओं में हड़ताल और लॉकआउट पर भी रोक लगाता है।

सरकार को इस विधेयक को पेश करने की आवश्यकता क्यों महसूस हो रही है?

सरकार के अनुसार इन कारखानों की सेवा, जवाबदेही और दक्षता में सुधार के प्राथमिक उद्देश्य से यह विधेयक पेश किया जा रहा है। ताकि हड़ताल पर जाने से राष्ट्र की रक्षा सेवाओं को बाधित नहीं किया जा सके।

इससे कौन प्रभावित होगा?

यह बिल सीधे तौर पर लगभग 70,000 कर्मचारियों को प्रभावित करेगा जो वर्तमान में देश भर में 41 आयुध कारखानों में कार्यरत हैं। ये कर्मचारी OFBs को निगमित करने के सरकार के फैसले से नाखुश हैं, उन्हें डर है कि उनकी सेवा और सेवानिवृत्ति की शर्तें प्रभावित होंगी। सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि OFBs  के निगमीकरण के बाद भी यह प्रभावित नहीं होगा।

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