पिछले साल ई-वेस्ट उत्पादन में 31.6% की वृद्धि हुई
वर्ष 2020 में, भारत ने कुल 10,14,961.2 टन ई-कचरा (e-waste) उत्पन्न किया है, इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 31.6% की वृद्धि हुई है।
मुख्य बिंदु
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में यह जानकारी दी।
- मंत्री ने राज्य-वार डेटा और मौत के बारे में रिपोर्ट भी मांगी है जो ई-कचरे से हुई हो सकती है।
- भारत में ई-कचरे के संबंध में डेटा केवल वर्ष 2017-18 से ही उपलब्ध है।
- वर्ष 2016 में ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम अधिसूचित किए गए थे और तब से इसमें समय-समय पर संशोधन होते रहे हैं।
- भारत के पर्यावरण मंत्रालय ने 21 प्रकार के विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को अधिसूचित किया है जिन्हें ई-कचरा माना जाना है।
ई-कचरा उत्पादन के आकलन
ई-कचरा उत्पादन का अनुमान लगाने के फार्मूले में विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बिक्री के संबंध में डेटा की जांच करना शामिल है। बिक्री के इस आंकड़े से पता चलता है कि देश में ई-कचरा उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है।
ई-कचरा संग्रह तंत्र (E-waste collection mechanism)
सरकार एक कुशल ई-कचरा संग्रह तंत्र के निर्माण को प्रोत्साहित कर रही है जो पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित और सुदृढ़ हो। ई-कचरे के अधिकृत विघटनकर्ताओं (authorised dismantlers) और पुनर्चक्रणकर्ताओं (recyclers) के माध्यम से पुनर्चक्रण से देश में ई-कचरा उत्पादन कम होगा। वर्तमान में, देश के 20 राज्यों में ई-कचरे के लगभग 400 पुनर्चक्रणकर्ता या विघटनकर्ता कार्य कर रहे हैं।
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