इसरो ने चंद्रयान-2 ऑर्बिटर डेटा का विश्लेषण करने के लिए प्रस्ताव मांगे
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक “Announcement of Opportunity” लेकर आया है, जिसके तहत वह चंद्रयान -2 ऑर्बिटर के सभी प्रयोगों के डेटा का वैज्ञानिक रूप से विश्लेषण और उपयोग करने के लिए प्रस्ताव मांगे गये हैं।
मुख्य बिंदु
- “Announcement of Opportunity” मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और सरकारी संगठनों के सभी शोधकर्ताओं के लिए खुली रहेगी।
- इसरो के अनुसार, चंद्र आकारिकी (lunar morphology), सतह की आयु का निर्धारण, चंद्रमा की सतह की संरचना के साथ-साथ मैग्मैटिक और एक्सोजेनिक पानी की संभावित उपस्थिति पर अध्ययन को समझने के लिए भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा चंद्रयान के डेटा का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।
चंद्रयान-2 ऑर्बिटर
यह ऑर्बिटर वर्तमान में चंद्रमा के आर-पार 100 किमी x 100 किमी वृत्ताकार ध्रुवीय कक्षा में घूम रहा है। इसमें सतह के भूविज्ञान और संरचना से लेकर एक्सोस्फेरिक माप तक के अध्ययन जैसे आठ प्रयोग किए गए हैं जो पिछले चंद्र मिशनों से समझ बनाने में मदद करेंगे। चंद्रयान -2 ऑर्बिटर पेलोड से डेटा 24 दिसंबर, 2020 को वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए जनता के लिए जारी किया गया था। जुलाई 2021 में पेलोड से डेटा का एक और सेट जारी किया गया था।
चंद्रयान-2
चंद्रयान-1 के बाद यह इसरो का दूसरा चंद्र अन्वेषण मिशन है। इसमें चंद्र ऑर्बिटर, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान चंद्र रोवर शामिल हैं। ये सभी उपकरण भारत में विकसित किए गए थे। यह मिशन चंद्र सतह संरचना में भिन्नताओं के मानचित्रण और अध्ययन के उद्देश्य से लांच किया गया था।
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