गीता गोपीनाथ ने IMF से इस्तीफ़ा देने का निर्णय लिया
मुख्य अर्थशास्त्री और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसंधान विभाग की निदेशक, गीता गोपीनाथ ने, जनवरी 2022 में IMF को छोड़ने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदु
- वह नौकरी छोड़ने के बाद प्रतिष्ठित हार्वर्ड विश्वविद्यालय में लौट आएंगी।
- भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री जनवरी, 2019 में मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में IMF में शामिल हुई थीं।
- जब वह IMF में शामिल हुई, तो वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन और अर्थशास्त्र के जॉन ज्वानस्ट्रा प्रोफेसर के रूप में काम कर रही थी।
- वह IMF की पहली महिला मुख्य अर्थशास्त्री हैं।
पृष्ठभूमि
गीता गोपीनाथ का जन्म दिसंबर 1971 में मलयाली माता-पिता के यहाँ हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा कोलकाता में की। उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और वाशिंगटन विश्वविद्यालय से परास्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने 2001 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में Ph.D पूरी की। वर्ष 2001 में, वह एक सहायक प्रोफेसर के रूप में शिकागो विश्वविद्यालय में शामिल हुईं और 2005 में हार्वर्ड चली गईं। वर्ष 2010 में, वह वहां एक कार्यरत प्रोफेसर बन गईं।वह हार्वर्ड में अर्थशास्त्र विभाग में कार्यरत प्रोफेसर बनने वाली केवल तीसरी महिला हैं। वह नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के बाद हार्वर्ड में यह पद संभालने वाली पहली भारतीय भी हैं।
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