बैंक उपभोक्ता शिक्षा की जानकारी वेबसाइटों पर डालेंगे : RBI
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने मौजूदा परिसंपत्ति वर्गीकरण दिशानिर्देशों (asset classification guidelines) के संबंध में 12 नवंबर, 2021 को स्पष्टीकरण का एक सेट जारी किया। इन दिशानिर्देशों के तहत, बैंकों को ऋण समझौतों में चुकौती की सटीक देय तिथियों को निर्दिष्ट करने के लिए कहा गया है।
मुख्य बिंदु
- वर्तमान मानदंडों के अनुसार, यदि बैंक द्वारा निर्धारित देय तिथि पर इसे चुकाया नहीं जाता है तो ऋण अतिदेय (overdue) हो जाता है।
- RBI ने नोट किया कि, ऋण समझौतों में कभी-कभी पुनर्भुगतान की देय तिथियों का विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया जाता है। इसके बजाय, नियत तारीखों का विवरण दिया गया है। इसने विभिन्न व्याख्याओं को जन्म दिया।
- इस प्रकार, RBI ने बैंकों से ऋण की चुकौती, मूलधन और ब्याज के बीच ब्रेकअप, पुनर्भुगतान की आवृत्ति, गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) वर्गीकरण और ऋण समझौते में विशेष उल्लेख खाते (SMA) के उदाहरणों के लिए सटीक देय तिथियां निर्दिष्ट करने के लिए कहा है।
- RBI ने बैंकों को ऋण के लिए पुनर्भुगतान की शुरुआत की सटीक तारीख निर्दिष्ट करने का भी निर्देश दिया, जिसमें अधिस्थगन सुविधा है।
बैंक इन दिशानिर्देशों का पालन कब करेंगे?
नए ऋणों के संबंध में इन निर्देशों का 31 दिसंबर, 2021 तक अनुपालन किया जाएगा। लेकिन मौजूदा ऋणों के लिए, बैंकों को दिशानिर्देशों का पालन तब से करना होगा जब ये ऋण समीक्षा या नवीनीकरण के लिए देय हों।
Tags:Banking Current Affairs in Hindi , Hindi Current Affairs , RBI , भारतीय रिज़र्व बैंक