रूस ने भारत को S-400 मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी शुरू की
भारत की वायु-रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए रूस ने भारत को S-400 मिसाइल प्रणाली की डिलीवरी शुरू कर दी है।
मुख्य बिंदु
- रूस ने 2021 में शेड्यूल पर तैनाती के लिए डिलीवरी शुरू की।
- भारत ने 2018 में इस सिस्टम को 5 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीदा था।
- भारत ने 2018 में S-400 सिस्टम की पांच इकाइयां खरीदी थीं, जिसके लिए 2019 में 80 करोड़ डॉलर के भुगतान की पहली किश्त की दी गयी थी।
S-400 का महत्व
S-400 को दुनिया भर में सबसे उन्नत वायु-रक्षा प्रणाली (air-defence system) माना जाता है। यह मिसाइलों, रॉकेटों, क्रूज मिसाइलों और विमानों के खिलाफ अपने वायु रक्षा बुलबुले की रक्षा करने में सक्षम है। यह प्रणाली चीन के पास भी उपलब्ध है।
S-400 Triumpf
S-400 Triumf एक मोबाइल, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) प्रणाली है। इसे 1990 के दशक में समुद्री इंजीनियरिंग के लिए अल्माज़ सेंट्रल डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा S-300 परिवार के अपग्रेड के रूप में विकसित किया गया था। सतह से हवा में मार करने वाली नवीनतम मिसाइल प्रणालियों की पहली बटालियन को 6 अगस्त, 2007 को तैनात किया गया था। 2014 में चीन इस मिसाइल का पहला विदेशी खरीदार था। तब से, सऊदी अरब, तुर्की, बेलारूस और भारत जैसे देशों ने सभी का अधिग्रहण कर लिया है, या प्रणाली में रुचि व्यक्त की। इसकी मारक क्षमता 400 किलोमीटर है।
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