भारत ने ‘वर्टिकल लॉन्च- शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल’ का परीक्षण किया
7 दिसंबर, 2021 को, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने “वर्टिकल लॉन्च-शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल” का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
मुख्य बिंदु
- इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा तट से दूर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से किया गया।
- इसका लांच एक ऊर्ध्वाधर लांचर से बहुत कम ऊंचाई पर एक इलेक्ट्रॉनिक लक्ष्य की ओर किया गया था।
- इसके उड़ान पथ और अन्य मानकों को ट्रैक करने के लिए कई उपकरणों का उपयोग किया गया। इन ट्रैकिंग उपकरणों को आईटीआर, चांदीपुर द्वारा तैनात किया गया था।
लॉन्च का उद्देश्य
कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का लांच सभी हथियार प्रणाली घटकों जैसे कि कनस्तरीकृत उड़ान वाहन, नियंत्रक के साथ ऊर्ध्वाधर लांचर इकाई, हथियार नियंत्रण प्रणाली आदि के एकीकृत संचालन को टेस्ट करने के लिए किया गया था।
लॉन्च का महत्व
इस प्रणाली के शुरू होने से हवाई खतरों के खिलाफ भारतीय नौसेना के जहाजों की रक्षा क्षमता को और बढ़ावा मिलेगा। इसने भारतीय नौसैनिक जहाजों पर हथियार प्रणालियों के एकीकरण का मार्ग भी प्रशस्त किया है।
वर्टिकल लॉन्च – कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (VL-SRSAM)
VL-SRSAM सतह से हवा में मार करने वाली एक त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइल है, जिसे DRDO द्वारा विकसित किया गया है। इसमें फाइबर-ऑप्टिक जायरोस्कोप के माध्यम से mid-course inertial guidance के साथ-साथ टर्मिनल चरण के दौरान सक्रिय रडार होमिंग जैसी विशेषताएं शामिल हैं। इस मिसाइल में ‘लॉन्च से पहले लॉक (LOBL)’ और लॉन्च के बाद लॉक (LOAL) की क्षमता है।
पृष्ठभूमि
DRDO ने 22 फरवरी, 2021 को दो VL-SRSAM का परीक्षण किया था। यह पहला प्रक्षेपण था, जिसने ऊर्ध्वाधर प्रक्षेपण प्रणाली की प्रभावकारिता के साथ-साथ मिसाइल की अधिकतम और न्यूनतम सीमा का परीक्षण किया। DRDO ने सभी हथियार प्रणाली घटकों के एकीकृत संचालन को मान्य करने के लिए 7 दिसंबर, 2021 को दूसरा परीक्षण किया।
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