LIC में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंज़ूरी दी जाएगी
भारत सरकार ने हाल ही में LIC (जीवन बीमा निगम) में 20% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति देने का निर्णय लिया है। यह विदेशी मुद्रा प्रबंधन नियम (Foreign Exchange Management Rules – FEMA) में संशोधन करके किया जायेगा।
मुख्य बिंदु
DFS, DIPAM द्वारा DPIIT से परामर्श करने के बाद बीमा क्षेत्र में FDI में संशोधन करने की योजना बनाई जाएगी। DFS का अर्थ Department of Financial Services (वित्तीय सेवा विभाग) है। DIPAM का अर्थ Department of Investment and Public Asset Management (निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग) है और DPIIT का अर्थ Department for Promotion of Industry and Internal Trade (उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने वाला विभाग) है।
परिवर्तन
- फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन) नियमों में परिवर्तन का प्रस्ताव किया गया है।
- LIC में 20% FDI।
परिवर्तन करने में चुनौतियां
वर्तमान में बीमा क्षेत्र में 74% FDI की अनुमति है। हालाँकि, यह LIC पर लागू नहीं होता क्योंकि इसका अपना क़ानून है। यानी LIC का संचालन LIC अधिनियम द्वारा शासित होता है। LIC एक वैधानिक निकाय है। एक वैधानिक निकाय वह है जो एक कानून द्वारा शासित होता है। ऐसे निकायों के अपने कानून (संगठन के नियम) हैं। इसलिए, भारत सरकार को LIC से संबंधित परिवर्तनों को लागू करने के लिए फेमा नियमों के साथ LIC अधिनियम में संशोधन करना होगा।
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