RAMP (Raising and Accelerating MSME Performance) Programme क्या है?

केंद्रीय बजट 2022-23 की प्रस्तुति के दौरान, वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि RAMP कार्यक्रम को 6,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से शुरू किया जायेगा। ओस कार्यक्रम को 5 साल के लिए लागू किया जायेगा।

RAMP

RAMP COVID रिकवरी कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य भारत में MSMEs की स्थिति में सुधार करना है। COVID महामारी और लॉक डाउन के कारण MSME बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। यह MSMEs को वित्त की बेहतर पहुंच प्रदान करेगा।

RAMP कार्यक्रम का महत्व

इस कार्यक्रम से MSMEs की उत्पादकता में वृद्धि होगी। साथ ही, यह MSMEs की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा। यह MSMEs क्षेत्र को पुनर्जीवित करेगा।

RAMP की आवश्यकता

भारत में 40% MSMEs के पास वित्त तक पहुंच नहीं है। MSMEs  भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। वे देश के निर्यात में 40% और सकल घरेलू उत्पाद का 30% योगदान करते हैं।

विश्व बैंक और RAMP

2021 में, विश्व बैंक ने कहा कि RAMP कार्यक्रम 15.5 बिलियन अमरीकी डालर का वित्त जुटाएगा। यह पांच लाख MSMEs के प्रदर्शन में सुधार करेगा। 2020 में, विश्व बैंक ने भारत में MSMEs को 750 मिलियन अमरीकी डालर के ऋण को मंजूरी दी। बाद में 2021 में, विश्व बैंक ने देश में MSMEs को बढ़ावा देने के लिए 500 मिलियन अमरीकी डालर प्रदान किए। इससे 50 लाख MSMEs  को फायदा हुआ।

RAMP से MSME को कैसे फायदा होगा?

यह तरलता के मुद्दों का समाधान करेगा। वर्तमान में, ऋणदाता उधारकर्ताओं द्वारा पुनर्भुगतान के बारे में चिंतित हैं। यह MSME क्षेत्र में ऋण के प्रवाह को सीमित और कम कर रहा है। यह कार्यक्रम गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों और बैंकों से ऋण देने का जोखिम कम करेगा। इससे छोटे वित्त बैंकों को मजबूती मिलेगी। यह बाजार उन्मुख चैनलों की वित्त पोषण क्षमता में वृद्धि करेगा। यह भारत सरकार की पुनर्वित्त सुविधाओं को बढ़ावा देगा। वर्तमान में केवल 8% MSME को ऋण प्रवाह प्रदान किया जाता है। 

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