चीन ने CPEC की फंडिंग में 56% की कमी की
2022 की पहली छमाही में, चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के लिए पाकिस्तान में चीन की फंडिंग में लगभग 56% कम हो गई है। रूस, मिस्र और श्रीलंका जैसे अन्य देशों में भी BRI जुड़ाव में 100% की कमी देखी गई।
CPEC परियोजना पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से चीन के शिनजियांग के काशगर शहर तक फैली हुई है। हालांकि,
- पारदर्शिता की कमी, कर्ज की समस्या, खराब प्रबंधन और भ्रष्टाचार के कारण यह परियोजना प्रारंभिक वादे के अनुसार नहीं चल रही है।इन मुद्दों के कारण CPEC परियोजना अभी तक पूरी नहीं हुई है।
- स्थानीय विरोध और पाकिस्तान में परियोजना और कर्मियों पर लगातार हमले के कारण यह अन्य सुरक्षा चुनौतियों से भी गुजर रही है।
- इसके अलावा, पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक स्थिति भी इस परियोजना को प्रभावित कर रही है।
- चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative – BRI) परियोजनाओं को वैश्विक आलोचना का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि यह अपने ऋणों पर पारदर्शिता की पेशकश नहीं कर रहा है।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (China–Pakistan Economic Corridor – CPEC)
CPEC पाकिस्तान में निर्माणाधीन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का एक समूह है। इसे 2013 में शुरू किया गया था। इस परियोजना का मूल मूल्य 47 बिलियन अमरीकी डालर था लेकिन अब इसका मूल्य बढ़कर 62 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक हो गया है। इस परियोजना का उद्देश्य पाकिस्तान में आवश्यक बुनियादी ढांचे को उन्नत करना और CPEC के एक हिस्से के रूप में आधुनिक परिवहन नेटवर्क, ऊर्जा परियोजनाएं और विशेष आर्थिक क्षेत्र प्रदान करके अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
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