निसार मिशन (NISAR Mission) क्या है?
निसार (NISAR – NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) मिशन नासा और इसरो के बीच एक सहयोगी परियोजना है जिसका उद्देश्य दोहरी आवृत्ति सिंथेटिक एपर्चर रडार से लैस पृथ्वी अवलोकन उपग्रह का निर्माण और लॉन्च करना है। विशेष रूप से, उपग्रह नासा मिशन में लॉन्च किए जाने वाले अब तक के सबसे उन्नत रडार सिस्टम को वहन करता है। इसमें अपने प्रकार का सबसे बड़ा रडार एंटीना भी है। यह उपग्रह अपनी तरह का पहला होगा और इसका उपयोग अंटार्कटिक क्रायोस्फीयर जैसी पृथ्वी पर प्राकृतिक घटनाओं को दूर से देखने के लिए किया जाएगा। लगभग 1.5 बिलियन अमरीकी डालर की कुल लागत के साथ NISAR सबसे महंगा पृथ्वी-इमेजिंग उपग्रह होगा।
निसार मिशन का उद्देश्य क्या है?
यह मिशन पृथ्वी की सतह पर ऊंचाई का नक्शा बनाएगा। यह मुख्य रूप से बर्फ के द्रव्यमान पर केंद्रित होगा। महीने में चार से छह बार मैपिंग की जाएगी। मैपिंग का रिज़ॉल्यूशन 5m से 10m की सीमा में होगा। इसके साथ ही मिशन बर्फ की चादर गिरने, भूस्खलन आदि के बारे में ब्योरा देगी।
निसार मिशन के संचालक और निर्माता
इस मिशन का निर्माता इसरो है और संचालक नासा है। इस मिशन की अवधि 3 वर्ष है। इसरो द्वारा इसे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। यह मिशन रडार इमेजिंग के सिद्धांत का उपयोग करता है।
निसार मिशन में एल-बैंड SAR क्या है?
इस सैटेलाइट में दो राडार हैं। वे एल-बैंड एसएआर और एस-बैंड एसएआर हैं। एल-बैंड एसएआर का निर्माण नासा द्वारा किया जाएगा। और एस-बैंड एसएआर का निर्माण इसरो द्वारा किया जाएगा।
एल-बैंड एसएआर रडार एंटेना की गति के आधार पर 2-आयामी छवियां बनाएगा। इस कारण से, छवियां बेहतर रिज़ॉल्यूशन वाली होती हैं।
निसार मिशन खबरों में क्यों है?
अमेरिकी वायु सेना ने हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को NISAR उपग्रह सौंपा। इस उपग्रह को 2024 में आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किए जाने की उम्मीद है।
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