ISRO का START कार्यक्रम क्या है?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हाल ही में छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं का अवलोकन प्रदान करने के लिए एक पहल शुरू की है। Space Science and Technology Awareness Training (START) नाम का यह कार्यक्रम एक प्रारंभिक स्तर का प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो भौतिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के स्नातकोत्तर और अंतिम वर्ष के स्नातक छात्रों के लिए है।

उद्देश्य और लाभ

START कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य भारतीय छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में पेशेवर बनने में मदद करना है, क्योंकि ISRO का अंतरिक्ष विज्ञान अन्वेषण कार्यक्रम नए डोमेन में विस्तार कर है। यह कार्यक्रम अनुशासन, अनुसंधान संभावनाओं और पेशेवर मार्गों के विभिन्न पहलुओं की व्यापक समझ प्रदान करेगा। व्याख्यान में भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान अन्वेषण कार्यक्रम और अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान के अवसरों से संबंधित विषय भी शामिल होंगे।

START कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरिक्ष विज्ञान की क्रॉस-डिसिप्लिनरी प्रकृति पर जोर देना है। इसमें एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिक्स, हेलियोफिजिक्स, सन-अर्थ इंटरेक्शन, इंस्ट्रूमेंटेशन और एरोनॉमी जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

इसरो द्वारा प्रस्तुत लघु पाठ्यक्रम

START कार्यक्रम के अलावा, इसरो के राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (NRSC) ने दो लघु पाठ्यक्रम भी शुरू किए हैं: सुदूर संवेदन डेटा अधिग्रहण और सुदूर संवेदन डेटा प्रसंस्करण। ये कोर्स सेंटर फॉर स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी एजुकेशन इन एशिया एंड द पैसिफिक (CSSTEAP) द्वारा संचालित किये जाएंगे, जो संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध शैक्षणिक संस्थान है। इस कोर्स के 21 अगस्त से 1 सितंबर के बीच और 9 अक्टूबर से 20 अक्टूबर के बीच आयोजित करने की योजना बनाई गई है, और वे हैदराबाद के शादनगर क्षेत्र के पास स्थित NRSC के अर्थ स्टेशन पर आयोजित किए जाएंगे।

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