DFI को आरबीआई फंडिंग सुविधाओं के लिए सीधी पहुँच प्राप्त होगी
नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट बिल, 2021 को 22 मार्च, 2021 को लोकसभा में पेश किया गया था। इस बिल के तहत, सरकार जल्द ही “नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट” (National Bank for Financing Infrastructure and Development) की स्थापना करेगी। इस बैंक को देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग शुरू करने के उद्देश्य से आरबीआई से तरलता की प्रत्यक्ष पहुंच के साथ-साथ सरकारी गारंटी समर्थन भी मिलेगा।
विधेयक के प्रमुख प्रावधान
इस विधेयक में सरकार समर्थित Development Finance Institution (DFI) की स्थापना का प्रावधान किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी मिलने के बाद निजी बुनियादी ढांचे के फाइनेंसरों के लिए भी इसे अनुमति दी जाएगी। इस बिल ने आगे कहा गया है कि प्रारंभिक चरणों में कम लागत वाले धन जुटाने के लिए 100 प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाले संगठन की मदद करने के लिए, सरकार द्वारा उधार की गारंटी दी जा सकती है। केंद्र सरकार संस्थान के अनुरोध के बाद बांड, डिबेंचर और ऋण की गारंटी दे सकती है।
DFI को अनुदान सुविधाएं
इस विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, सरकार बहुपक्षीय संस्थानों, संप्रभु धन कोष और अन्य विदेशी संस्थानों से उधार लेने के लिए DFI को बांड, डिबेंचर और ऋण की गारंटी भी देगी। इन प्रावधानों के तहत, DFI को भारतीय रिज़र्व बैंक की वित्तपोषण सुविधाओं तक सीधी पहुँच प्राप्त होगी।
विकास वित्त संस्थान (Development Finance Institution – DFI)
दीर्घकालिक वित्त जुटाने के लिए विकास वित्त संस्थान की स्थापना की जाएगी। 10 वर्षों की अवधि के लिए DFI पर कुछ कर लाभ भी होंगे। DFI में एक पेशेवर बोर्ड शामिल होगा जिसमें 50 प्रतिशत सदस्य गैर-आधिकारिक निदेशक होंगे। इसके तहत प्रारंभिक अनुदान 5,000 करोड़ रुपये की होगी। शुरुआती चरण में, नए संस्थान का स्वामित्व सरकार के पास होगा जबकि बाद के चरण में, सरकार की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत तक कम की जाएगी।
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