G-SAP 1.0 के तहत RBI की दूसरी खरीद : मुख्य बिंदु
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने हाल ही में घोषणा की कि आरबीआई 20 मई, 2021 को जी-सेक अधिग्रहण कार्यक्रम 1.0 (G-Sec Acquisition Programme 1.0) के तहत सरकारी प्रतिभूतियों की दूसरी खरीद करेगा ।
पहली खरीद अप्रैल, 2021 में की गई थी। आरबीआई ने पहली खरीद के दौरान सरकारी प्रतिभूतियों के 25,000 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद की थी।
योजना क्या है?
आरबीआई दूसरी खरीद में 35,000 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करेगा। इससे पहले, RBI ने GSAP-1.0 के लिए एक लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य की घोषणा की थी।
सरकारी प्रतिभूतियां (Government Securities)
यह भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा राज्य सरकार या केंद्र सरकार को जारी किया जाने वाला एक उपकरण है। यह अल्पकालिक या दीर्घकालिक हो सकता है। अल्पकालिक सरकारी प्रतिभूतियां एक वर्ष से कम की मूल परिपक्वता के साथ ट्रेजरी बिल हैं। दीर्घकालिक एक वर्ष से अधिक की मूल परिपक्वता के साथ बांड हैं।
केंद्र सरकार बॉन्ड (दिनांकित प्रतिभूति) और ट्रेजरी बिल दोनों जारी करती है। दूसरी ओर, राज्य सरकारें केवल बॉन्ड या दिनांकित प्रतिभूतियां जारी करती हैं।
सरकारी प्रतिभूतियों की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक
- G-Secs की मांग और आपूर्ति
- तरलता, मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में परिवर्तन
- विदेशी मुद्रा, धन, साख और पूंजी बाजार में परिवर्तन
- अंतर्राष्ट्रीय बांड बाजारों में विकास
- आरबीआई की नीतिगत गतिविधियाँ जैसे कि नकद आरक्षित अनुपात, रेपो दर और खुले बाजार का संचालन।
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