GST परिषद की सिफारिशें केंद्र, राज्यों पर बाध्यकारी नहीं हैं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद की सिफारिशें केंद्र और राज्यों पर बाध्यकारी नहीं हैं।

मुख्य बिंदु

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि GST परिषद की सिफारिशों का केवल एक प्रेरक मूल्य (persuasive value) है और वे प्रकृति में बाध्यकारी नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 246A (जो राज्यों को वस्तुओं और सेवाओं पर कर लगाने की शक्ति देता है) संघ और राज्यों को “बराबर मानता है, इसलिए संसद और राज्य विधानसभाओं के पास माल और सेवा कर पर कानून बनाने की समान शक्तियाँ हैं।

GST परिषद क्या है?

यह एक संवैधानिक निकाय (अनुच्छेद 279-A) है जो वस्तु और सेवा कर (GST) से संबंधित मामलों पर केंद्र और राज्य सरकार को सिफारिशें देता है। यह केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में केंद्र और राज्यों का एक संयुक्त मंच है। GST परिषद के निर्णयों के लिए उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के भारित मतों के कम से कम तीन-चौथाई बहुमत की आवश्यकता होती है। किसी भी बैठक को आयोजित करने के लिए, GST परिषद के कुल सदस्यों का 50% आवश्यक कोरम है।

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