OECD ने भारत की विकास दर के अनुमान को घटाकर 9.9% किया
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (Organisation for Economic Co-operation and Development – OECD) ने वित्तीय वर्ष 2022 के लिए भारत के विकास अनुमान को घटाकर 9.9% कर दिया है। मार्च में, इसने 12.6% की वृद्धि का अनुमान लगाया था। कोविड लॉकडाउन को देखते हुए विकास दर में कटौती की गई है।
मुख्य बिंदु
- OECD के अनुसार, महामारी को जल्दी से नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की वृद्धि अभी भी 2021-22 में लगभग 10% और 2022-23 में 8% रहेगी।
- बढ़ती उपभोक्ता मांग, आसान वित्तीय स्थितियों और मजबूत बाहरी बाजार वृद्धि के साथ रिकवरी को गति मिल रही है।
- विश्व अर्थव्यवस्था पिछले साल की महामारी के बाद अलग-अलग स्तर पर है।उन्नत अर्थव्यवस्थाएं और उभरती अर्थव्यवस्थाएं मजबूती से ठीक हो रही हैं जबकि भारत सहित शेष विश्व पिछड़ गया है।
दूसरी लहर ने भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित किया?
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने भारत को बुरी तरह प्रभावित किया है। लॉकडाउन ने आर्थिक गतिविधियों को ठप कर दिया है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर दूसरी लहर घट रही है, वायरस भीतरी इलाकों में फैल रहा है, जो आगे चलकर आर्थिक सुधार को अज्ञात क्षेत्र में धकेल रहा है।
अनुमानित वृद्धि
यह अनुमान लगाया गया है कि; भारत 2021 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली G20 अर्थव्यवस्था होगा। उपभोक्ता वस्तुओं की मांग और निर्मित वस्तुओं व सेवाओं के निर्यात से अर्थव्यवस्था में सुधार होने की उम्मीद है।
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD)
यह एक अंतरसरकारी आर्थिक संगठन है जिसमें 37 सदस्य देश शामिल हैं। यह आर्थिक प्रगति और विश्व व्यापार की देखभाल के लिए वर्ष 1961 में स्थापित किया गया था। यह एक आधिकारिक संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक भी है।
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