RBI ने हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को जोखिम आधारित आंतरिक लेखा परीक्षा नियमों (RBIA) के दायरे में लाया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति रखने वाली सभी जमा लेने वाली और जमा न करने वाली HFC (हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां) को जोखिम-आधारित आंतरिक लेखा परीक्षा (Risk-based Internal Audit – RBIA) नियमों के दायरे में लाया है। ये नियम 30 जून, 2022 से प्रभावी होंगे।
मुख्य बिंदु
इससे पहले 3 फरवरी को RBI ने इन नियमों को अन्य संस्थाओं पर भी लागू किया था। आंतरिक लेखा परीक्षा नियमों (internal audit rules) को HFC तक बढ़ाए जाने के बाद, HFC के शेयर की कीमतों में गिरावट आई है।
नए नियम क्या हैं?
- बैंकों और NBFCs में वित्तीय नियमितता और शासन के मुद्दों के बढ़ते मामलों के संबंध में RBI के नए दिशानिर्देश महत्वपूर्ण हैं।
- यह RBIA, NBFCs और संबंधित UCBs के लिए योजना तैयार करने की जिम्मेदारी के साथ वरिष्ठ अधिकारियों की समिति के गठन के लिए आंतरिक लेखा परीक्षा (internal audit) की मौजूदा प्रणाली से सुचारू परिवर्तन सुनिश्चित करेगा।
- NBFCs और UCBs के बोर्ड मुख्य रूप से अपने आंतरिक लेखा परीक्षा कार्यों की निगरानी के लिए जिम्मेदार हैं।
जोखिम आधारित आंतरिक लेखा परीक्षा (Risk-based Internal Audit – RBIA)
RBIA एक आंतरिक कार्यप्रणाली है, जो मुख्य रूप से गतिविधियों या प्रणाली से जुड़े अंतर्निहित जोखिम पर केंद्रित है। यह परिभाषित जोखिम क्षमता स्तर के भीतर जोखिम के प्रबंधन के संबंध में आश्वासन प्रदान करती है। यह एक जोखिम प्रबंधन ढांचा है जो हर स्तर पर जोखिम के प्रबंधन के लिए प्रबंधन और निदेशक मंडल की जिम्मेदारी को सुदृढ़ करने का प्रयास करता है।
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