RBI ने NBFCs के लिए नए लाभांश भुगतान मानदंड तय किये
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने व्यवहार में अधिक पारदर्शिता और एकरूपता लाने के लिए NBFC द्वारा लाभांश (dividend) के वितरण पर दिशानिर्देश निर्धारित करने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदु
- वित्तीय वर्ष 2021-2022 और उसके बाद के लिए लाभ से लाभांश की घोषणा के लिए दिशानिर्देश प्रभावी होंगे।
- निदेशक मंडल लाभांश के प्रस्तावों पर विचार करेगा।
- बोर्ड यह भी सुनिश्चित करेगा कि वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तावित कुल लाभांश इन दिशानिर्देशों में निर्दिष्ट सीमा से अधिक न हो।
- इस परिपत्र के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक लाभांश की घोषणा पर तदर्थ छूट के किसी भी अनुरोध पर विचार नहीं करेगा।
NBFCs इन दिशानिर्देशों का पालन कैसे कर सकते हैं?
- इन दिशानिर्देशों के अनुसार, NBFCs को लाभांश की घोषणा करने के लिए पात्र होने के लिए न्यूनतम विवेकपूर्ण आवश्यकताओं (minimum prudential requirements) का पालन करना होगा।
- पिछले तीन वर्षों में से प्रत्येक में शुद्ध एनपीए अनुपात 6% से कम होना चाहिए और साथ ही वित्तीय वर्ष के अंत में जिसके लिए लाभांश प्रस्तावित किया जा रहा है।
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनिया, जो सार्वजनिक धन स्वीकार नहीं करती हैं और जिनका कोई ग्राहक इंटरफ़ेस नहीं है, के लिए लाभांश भुगतान पर कोई विशिष्ट सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
- कोर निवेश कंपनियों के लिए अधिकतम लाभांश भुगतान अनुपात 60%, स्टैंडअलोन प्राथमिक डीलरों के लिए 60% और अन्य एनबीएफसी के लिए 50% पर निर्धारित किया गया है।
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