SBI इकोरैप रिपोर्ट (SBI Ecowrap Report) जारी की गई

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के आर्थिक अनुसंधान विभाग ने SBI Ecowrap नामक अपनी शोध रिपोर्ट जारी की, जिसमें 5 महत्वपूर्ण कृषि सुधारों का प्रस्ताव दिया गया है।

मुख्य बिंदु 

तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की पृष्ठभूमि में SBI ने अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की।

प्रस्तावित सुधार 

SBI ने निम्नलिखित 5 कृषि सुधारों का प्रस्ताव दिया है:

  1. मात्रा गारंटी खंड (Quantity Guarantee Clause) : न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बजाय मूल्य गारंटी के रूप में, जिसकी किसान मांग कर रहे हैं, सरकार 5 साल की अवधि के लिए “मात्रा गारंटी खंड” सुनिश्चित कर सकती है। यह खंड बाढ़, सूखा आदि जैसी असाधारण घटनाओं में सुरक्षा उपायों के साथ-साथ “फसलों के उत्पादन प्रतिशत (जो वर्तमान में खरीद की जा रही है) को पिछले वर्ष के प्रतिशत के बराबर खरीद” को अनिवार्य बना देगा।
  2. फ्लोर प्राइस ऑक्शन (Floor Price Auction) : MSP को नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (eNAM) पर नीलामी के फ्लोर प्राइस में कनवर्ट किया जाना चाहिए। हालांकि, यह पूरी तरह से समस्या का समाधान नहीं करेगा क्योंकि मौजूदा आंकड़ों से पता चलता है कि eNAM मंडियों में औसत मॉडल कीमतें सभी खरीफ वस्तुओं के MSP से कम हैं।
  3. APMC बुनियादी ढांचा : सरकार को APMC बाजार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, मौद्रिक नुकसान को कम करने के लिए काम करना चाहिए। एक सरकारी रिपोर्ट के आधार पर SBI के अनुमान के अनुसार, फसल और कटाई के बाद के नुकसान के कारण अनाज के लिए मौद्रिक नुकसान लगभग 27,000 करोड़ रुपये है।
  4. अनुबंध कृषि संस्थान (Contract Farming Institution) : SBI ने भारत में अनुबंध कृषि संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है। अनुबंध खेती कई देशों में उत्पादकों को बाजार और मूल्य स्थिरता और तकनीकी सहायता के साथ आपूर्ति श्रृंखला तक पहुंच प्रदान करने में सहायक रही है। उदाहरण के लिए, थाईलैंड में, बाजार की निश्चितता (52%) और मूल्य स्थिरता (46%) ऐसे कारक थे जिनके कारण किसान अनुबंध खेती में शामिल थे।
  5. सममित खरीद (Symmetric Procurement) : SBI राज्यों में एक सममित खरीद सुनिश्चित करने का प्रस्ताव करता है। अनाज की खरीद असममित रही है, पश्चिम बंगाल (प्रथम) और उत्तर प्रदेश (द्वितीय) जैसे शीर्ष धान उत्पादक राज्यों में न्यूनतम खरीद देखी जा रही है।

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