SSLV मिशन विफलता पर इसरो ने रिपोर्ट जारी की
अगस्त 2022 में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (Small Satellite Launch Vehicle – SSLV) लॉन्च किया। यह दो उपग्रहों को ले गया और दोनों उपग्रह अनुपयोगी हो गए। इस मिशन को असफल घोषित किया गया। इसरो ने हाल ही में मिशन की विफलता के कारणों का विवरण देते हुए एक रिपोर्ट जारी की। इसरो की जांच ने निष्कर्ष निकाला कि कंपन की गड़बड़ी मिशन की विफलता का प्रमुख कारण थी।
मुख्य बिंदु
- SSLV-D1 को उपग्रह को 356 किमी की कक्षा में स्थापित करने के लिए प्रोग्राम किया गया था। इसके बजाय, इसने उपग्रह को 76 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित किया। ऐसा सेंसर फेल होने की वजह से हुआ है।
- वेग में कमी के कारण गलत कक्षीय स्थापन हुआ।
- अलगाव के दूसरे चरण के दौरान, कंपन संबंधी गड़बड़ी हुई। इन कंपनों के कारण जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली खराब हो गई और सेंसर भी ख़राब हो गए।
पृष्ठभूमि
SSLV तीन चरणों वाला प्रक्षेपण यान है। दूसरी ओर, PSLV चार चरणों वाला प्रक्षेपण यान है। इसके अलावा, SSLV में एक नई जड़ता नेविगेशन प्रणाली थी जिसका उपयोग इसरो पहली बार कर रहा था। यह रोटेशन दरों की निगरानी के लिए पर्याप्त जायरो (6) का उपयोग करता है। उड़ान के दौरान सभी जायरो ने माप संतृप्ति का अनुभव किया।
Small Satellite Launch Vehicle (SSLV)
SSLV को छोटे उपग्रहों के लिए डिजाइन किया गया था। इन लॉन्च वाहनों को 500 किलो पेलोड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया था।इसका मुख्य उद्देश्य PSLV के बोझ को कम करना था।
आगे का रास्ता
इसरो अब एक और SSLV रॉकेट विकसित कर रहा है। SSLV-D2 के 2023 की पहली तिमाही के दौरान लॉन्च होने की उम्मीद है।
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