WHO की E-2025 पहल (E-2025 Initiative) क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) ने हाल ही में 2025 तक मलेरिया उन्मूलन की क्षमता वाले 25 देशों की पहचान की है। इसे E-2025 पहल (E-2025 Initiative) कहा जाता है।
मुख्य बिंदु
पहचाने गए 25 देश मलेरिया और COVID-19 के दोहरे खतरे का जवाब देकर काम करेंगे। डब्ल्यूएचओ इस पहल के तहत इन देशों को तकनीकी मार्गदर्शन और विशेष सहायता प्रदान करेगा। चिन्हित किये गये देशों में से तीन अफ्रीकी देश ई-स्वातिनी, बोत्सवाना और दक्षिण अफ्रीका हैं।
अफ्रीका में मलेरिया
- वैश्विक मलेरिया से होने वाली कुल मौतों में 94% अफ्रीका में होती हैं।हाल के साक्ष्य ने अफ्रीका में दवा प्रतिरोधी उत्परिवर्तन (drug resistant mutations) दिखाया है।
- दक्षिण अफ्रीका, अफ्रीका में COVID-19 का हॉटस्पॉट है।COVID-19 के कारण 2019 से 2020 के बीच देश में मलेरिया में 44% की वृद्धि हुई है। क्योंकि लॉकडाउन के कारण टीकाकरण अभियान नहीं चलाया गया।
- बोत्सवाना में, मलेरिया में पाँच गुना वृद्धि हुई है।यह मुख्य रूप से रिवर्स माइग्रेशन की वजह से था जो लॉक डाउन के कारण शहरी से ग्रामीण क्षेत्र में हुआ था।
पृष्ठभूमि
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2017 में E-2020 पहल शुरू की थी। E-2020 का उद्देश्य 2020 तक मलेरिया के शून्य स्वदेशी मामलों को प्राप्त करने के लिए देशों के एक समूह का समर्थन करना है। हालांकि, कुछ देशों को इस लक्ष्य को प्राप्त करना बाकी है। इस प्रकार, उन्हें E-2025 पहल के तहत पहचाना गया और एक नई योजना शुरू की जाएगी।
देशों का चयन कैसे किया गया?
देशों को चार मानदंडों के आधार पर चुना गया था। वे इस प्रकार हैं :
- सरकार-समर्थित उन्मूलन योजना की स्थापना
- देश को हाल के वर्षों में मलेरिया के मामले में कमी की सीमा को पूरा करना चाहिए
- देश में मलेरिया निगरानी की क्षमता होनी चाहिए
- इसे डब्ल्यूएचओ मलेरिया उन्मूलन ओवरसाइट समिति द्वारा चुना जाना चाहिए
Categories: अंतर्राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
Tags:COVID-19 , E-2025 , E-2025 Initiative , World Health Organisation , मलेरिया , विश्व स्वास्थ्य संगठन