अदानी विवाद के बाद RBI, SEBI और NSE की कार्रवाई
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद, गौतम अदानी जो दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति थे , ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार 21वें स्थान पर आ गए। पिछले दस दिनों में उन्हें 108 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। हिंडनबर्ग ने अडानी पर स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाया है। वैश्विक जांच के साथ, कंपनी के शेयर की कीमतों में और गिरावट आने वाली है।
वर्तमान परिदृश्य
अदानी ने हाल ही में अपना FPO वापस ले लिया। FPO का अर्थ Follow-On Public Offering है। यह वह स्टॉक है जो एक कंपनी अपने निवेशकों को IPO (Initial Public Offers) के बाद देती है। FPO अतिरिक्त स्टॉक हैं और इन्हें द्वितीयक पेशकश कहा जाता है।
RBI की कार्रवाई
RBI ने अदानी समूह से जुड़े बैंकों से ब्योरा मांगा है। इसमें संपार्श्विक विवरण शामिल हैं जिसके द्वारा गौतम अदानी और उनके चचेरे भाई ऋण प्राप्त करते थे।
NSE की कार्रवाई
NSE ने अदानी समूह को “अतिरिक्त निगरानी तंत्र” (Additional Surveillance Mechanism) के तहत रखा है। इसका मतलब है कि स्टॉक में असामान्य गतिविधि देखी गई है और शेयर खरीदना सुरक्षित नहीं है। इसे 2018 में पेश किया गया था। ASM श्रेणी के तहत रखे गए शेयरों का निर्धारण सेबी द्वारा किया जाता है। ASM तंत्र का मुख्य उद्देश्य निवेशकों की सुरक्षा करना है।
सेबी की कार्रवाई
सेबी अब इस मुद्दे की जांच कर रहा है और एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है। यह हिंडनबर्ग रिपोर्ट में उल्लिखित अदानी समूह द्वारा किए गए धोखाधड़ी वाले सौदों की भी जांच कर रहा है।
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