इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) का निलंबन मार्च 2021 तक बढ़ाया गया

भारत सरकार ने हाल ही में  आईबीसी कोड यानी दिवाला और दिवालियापन संहिता के निलंबन को  मार्च 2021 तक बढ़ा दिया है। व्यापारिक इकाईयों को COVID -19 महामारी से कारण पेश आने वाली कठिनाइयों से निपटने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

मुख्य बिंदु

वित्त मंत्रालय की पहले की घोषणा के अनुसार, IBC कोड निलंबन 25 दिसंबर तक बढ़ाया गया था। अब सरकार ने इस तारीख को आगे बढ़ा दिया है। 25 मार्च या उसके बाद उत्पन्न होने वाले डिफ़ॉल्ट पूरे एक साल के लिए इन्सॉल्वेंसी की कार्यवाही से बाहर हो जायेंगे। IBC निलंबन के कारण, सितंबर तिमाही में दिवाला मामलों में 85% की गिरावट दर्ज की गयी।

चालू वित्त वर्ष के पहले 6 महीनों में, CIRP (कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस) से गुजरने वाली केवल 42 कंपनियों के लिए रिज़ॉल्यूशन प्लान को मंजूरी दी गई है, जिससे वित्तीय लेनदारों के लिए रिकवरी के रूप में 12,600 करोड़ रुपये की आय हुई है।

दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC)

IBC भारत का एक दिवाला और दिवालियापन कानून है जिसका उद्देश्य दिवाला और दिवालियापन का एक ही कानून बनाने के लिए मौजूदा नेटवर्क को एक साथ लाना है। यह वर्ष 2016 में लोकसभा में पारित किया गया था और उसी वर्ष इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति भी प्राप्त हुई थी। इस कोड में 11 शेड्यूल और 255 सेक्शन हैं।

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