इसरो प्राकृतिक आपदा निगरानी के लिए एक उपग्रह लॉन्च करेगा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक उपग्रह लॉन्च करने की योजना बनाई है जिसका उपयोग प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी के लिए किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- यह उपग्रह एक जियो-इमेजिंग उपग्रह, EOS-3 होगा, जो विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं जैसे चक्रवात, बाढ़ आदि की वास्तविक समय में निगरानी करने में सक्षम होगा।
- इसे साल 2021-22 में लॉन्च किया जा सकता है।
- यह उपग्रह न केवल प्राकृतिक आपदा बल्कि दिन में कम से कम 4 से 5 बार देश की इमेजिंग करने में भी सक्षम होगा और फसलों, जल निकायों, वन आवरण में परिवर्तन और वनस्पति की स्थिति की निगरानी करने में भी सक्षम होगा।
अंतरिक्ष गतिविधि विधेयक (Space Activities Bill)
अंतरिक्ष गतिविधि विधेयक, जो देश के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी फर्मों के प्रचार और विनियमन से संबंधित है, सरकार द्वारा विचाराधीन है। सरकार एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना चाहती है जो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों, उपकरणों और सेवाओं के स्वदेशी उत्पादन में अधिक निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करे।
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (Indian National Space Promotion and Authorisation Centre – IN-SPACe)
जून, 2020 के महीने में, सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र से संबंधित कई सुधारों की घोषणा की थी और भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) भी बनाया था। यह एक स्वतंत्र नोडल एजेंसी है जो अंतरिक्ष विभाग के दायरे में आती है। इसका उद्देश्य देश में निजी अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ावा देना, लाइसेंस देना, निगरानी और अधिकृत करना है।
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