श्रम मंत्रालय के पैनल ने मूलभूत जीवन-यापन वेतन/भत्ते की सिफारिश की

COVID-19 महामारी के दौरान अनुबंध श्रमिकों के कल्याण और विकास के लिए एक कार्य योजना तैयार करने के लिए श्रम मंत्रालय के केंद्रीय सलाहकार अनुबंध श्रम बोर्ड (CACLB) के तहत एक सदस्यीय आयोग बनाया गया था। आईएएस अधिकारी सी.वी. आनंद बोस, जो आयोग के प्रभारी थे, ने रोजगार के नुकसान की स्थिति में एक मूल जीवन-यापन वेतन/भत्ते  (Basic Living Wage) का भुगतान करने की सिफारिश की है। उन्होंने भारत के श्रम प्राधिकरण को एक नोडल निकाय के रूप में स्थापित करने की मांग की है।

मुख्य बिंदु

यह विशेषज्ञ आयोग एक सदस्यीय आयोग था। इस आयोग ने रोजगार के नुकसान के मामले में श्रमिकों को एक मूल जीवन-यापन वेतन का भुगतान करने की सिफारिश की थी। यह एक बुनियादी न्यूनतम सामाजिक सुरक्षा है।

सी.वी. आनंद बोस पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने प्रवासी श्रमिकों और अनिवासी भारतीयों (NRI) पर डेटा के संग्रह के लिए रजिस्ट्रियां बनाने की भी सिफारिश की है। यह डेटा नीतियों को तैयार करने में बेहद उपयोगी सिद्ध होगा।

इसके अलावा, सी.वी. आनंद बोस ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग विभाग का विलय श्रम और रोजगार मंत्रालय के साथ करने का भी सुझाव दिया।

इस आयोग की स्थापना मई 2020 में श्रम मंत्रालय के केंद्रीय सलाहकार अनुबंध श्रम बोर्ड (CACLB) के तहत की गई थी। इस एक सदस्यीय आयोग की स्थापना का उद्देश्य महामारी के दौरान श्रमिकों के कल्याण और विकास के लिए एक कार्य योजना तैयार करना था। अब केंद्रीय श्रम मंत्री और प्रधानमंत्री को यह रिपोर्ट पेश की जाएगी।

गौरतलब है कि COVID-19 के कारण अप्रैल और मई 2020 में बेरोजगारी में भारी वृद्धि हुई थी। जिसके चलते बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों के पास आजीविका के साधन नहीं बचे थे।

 

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