ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड की आपातकालीन उपयोग के लिए अनुशंसा की गयी

Central Drugs Standard Control Organization (CDSCO) की विशेषज्ञ समिति ने हाल ही में ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड की अनुशंसा आपातकालीन उपयोग के लिए की है। यह ऐसा पहला वैक्सीन है जिसे भारत में मंज़ूरी दी गयी है। इस वैक्सीन का निर्माण भारत में ही सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया द्वारा किया जा रहा है। गौरतलब है कि भारत सरकार भी बड़े पैमाने पर टीकाकरण की योजना बना रही है।

2 जनवरी, 2020 को भारत में कोविड-19 वैक्सीन के लिए ड्राई रन शुरू किया जायेगा। इस दिन देश भर में वैक्सीन को कोल्ड स्टोरेज तक पहुँचाया जाएगा। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया ने कोविशील्ड की 50 मिलियन खुराक तैयार की है।

ऑक्सफोर्ड वैक्सीन फाइजर वैक्सीन से बेहतर क्यों है?

ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ने फाइजर वैक्सीन की तुलना में बेहतर प्रभावकारिता दिखाई है। ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के विपरीत मॉडर्ना और फाइजर बायोएनटेक वैक्सीन का परिवहन -20 से -80 डिग्री सेल्सियस तापमान पर किया जाना चाहिए। जबकि ऑक्सफोर्ड के टीके सामान्य दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर रेफ्रिजरेट किए जा सकते हैं।

फाइजर को अनिवार्य रूप से डिज़ाइन किए गए “थर्मल शिपर” में अपने टीके को अनिवार्य रूप से वितरित करना पड़ता है जो -80 डिग्री सेल्सियस को बनाए रखने के लिए शुष्क बर्फ का उपयोग करता है।

इसके अलावा, हाल ही में यह साबित हुआ कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की आधी खुराक से उच्च सुरक्षा मिलने की संभावना है। इससे आम जनता के लिए अधिक खुराक उपलब्ध हो सकेगी।

 

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