आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक – मुख्य बिंदु
केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने हाल ही में 3 फरवरी से 5 फरवरी, 2021 तक भारत में मौजूदा व्यापक आर्थिक विकास पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित की।
समिति के प्रमुख निर्णय
- समिति ने रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है।
- इसने चालू वित्त वर्ष में आवश्यकताओं के अनुसार अपना समायोजन जारी रखने का निर्णय लिया है।
- समायोजन का रुख अगले वित्त वर्ष में भी जारी रहेगा ताकि वृद्धि को पुनर्जीवित किया जा सके और मुद्रास्फीति को निर्धारित लक्ष्य के भीतर रखा जा सके।
- सीमांत स्थायी सुविधा दर (Marginal Standing Facility Rate) भी 25% पर अपरिवर्तित है।
- समिति ने बैंक दर को 25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।
- रिवर्स रेपो रेट भी पहले की तरह ही 35 प्रतिशत है।
मुख्य बिंदु
- समिति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले दो महीनों में मुद्रास्फीति की स्थिति उम्मीद से बेहतर थी।
- समिति ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि खाद्य मुद्रास्फीति के अनुमान को बदलने वाले कारकों में रबी फसल, खरीफ की फसल, सब्जियों की भारी आपूर्ति इत्यादि शामिल हैं।
- समिति ने 2021-22 में वास्तविक जीडीपी विकास दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
क्या अर्थव्यवस्था रिकवर हो रही है?
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं। एमपीसी की पिछली बैठक के बाद से ये संकेत मजबूत हुए हैं। उन्होंने कहा कि :
- विनिर्माण क्षेत्र की क्षमता के उपयोग में सुधार 3 प्रतिशत है।
- उपभोक्ता का विश्वास भी पुनर्जीवित हो रहा है।
- विनिर्माण, सेवाओं और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में व्यापार की उम्मीदें भी मजबूत हो रही हैं।
- माल और लोगों की आवाजाही के साथ-साथ घरेलू व्यापारिक गतिविधियाँ बढ़ रही हैं।
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