ओडिशा ने लांच किया मास्क अभियान (Mask Abhiyan)
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हाल ही में COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए 14 दिनों का “मास्क अभियान” लांच किया है।
मास्क अभियान
इस पहल का मुख्य उद्देश्य मास्क के उपयोग को एक आदत में बदलना है। यह COVID-19 की वर्तमान वृद्धि को नियंत्रित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। साथ ही, ओडिशा राज्य सरकार ने उल्लंघनकर्ताओं के लिए जुर्माना 1000 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये कर दिया है।
ओडिशा सरकार ने महामारी रोग अधिनियम, 1897 के तहत COVID -19 नियमों में संशोधन भी किया था। तदनुसार, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने वाले लोगों पर पहली बार उल्लंघन के लिए 2,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। जब दूसरी बार उल्लंघन किया जाता है, तो लोगों पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
ओडिशा सरकार ने किन कानूनी आधारों पर जुर्माना लगाया है?
मई 2020 में, केंद्र सरकार ने राज्यों को महामारी रोग अधिनियम लागू करने का निर्देश दिया। यह अधिनियम राज्य सरकारों को एक महामारी के दौरान विशेष उपाय करने का अधिकार देता है। इन प्रावधानों के तहत, ओडिशा सरकार ने जुर्माना पेश किया है।
महामारी अधिनियम, 1897 के प्रावधान
- स्वास्थ्य एक राज्य का विषय है।हालाँकि, महामारी अधिनियम की धारा 2A केंद्र सरकार को महामारी के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाने का अधिकार देती है।
- अधिनियम की धारा 3 अवज्ञा के लिए दंड का प्रावधान करती है।
- अधिनियम की धारा 4 अधिनियम के तहत कार्रवाई करने वाले अधिकारियों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करती है।
हाल ही में महामारी अधिनियम, 1897 में संशोधन
केंद्र सरकार ने हाल ही में इस अधिनियम में संशोधन करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के खिलाफ हिंसा के कार्यों को दंडित किया जाएगा। आरोपी को तीन महीने से पांच साल तक की कैद होगी और 2 लाख रुपये तक जुर्माना लगेगा।
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