पुडुचेरी का शासन और प्रशासन

पुडुचेरी के क्षेत्र का शासन और प्रशासन नई दिल्ली में प्राधिकरण के अधीन आता है। पांडिचेरी में एक निर्वाचित विधान सभा और मंत्रियों का एक मंत्रिमंडल है। सरकार को विशिष्ट मामलों के संबंध में कानून बनाने की अनुमति है। कई मामलों में, विधानों को भारत के राष्ट्रपति से अनुसमर्थन की आवश्यकता होती है। केंद्र का

पांडिचेरी की अर्थव्यवस्था

पांडिचेरी में लगभग 45% लोग अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं। कुल क्षेत्र का 90% सिंचित है। यहाँ की प्रमुख फसल धान है। दलहन भी बड़े क्षेत्रों में उगाया जाता है। चावल, नारियल, अर्कनट्स, मसालों, रागी, बाजरा, दालें, गन्ना, कपास, मसाले, मूंगफली और मिर्च जैसी फसलें यहां उगाई जाती हैं। पांडिचेरी में एक

पांडिचेरी का इतिहास

चौथी शताब्दी में पांडिचेरी क्षेत्र कांचीपुरम के पल्लव साम्राज्य का हिस्सा था। अगली शताब्दियों के बाद पांडिचेरी पर दक्षिण के विभिन्न राजवंशों का कब्जा था। 10 वीं शताब्दी ईस्वी में, तोंडजावुर (तमिलनाडु) के चोलों द्वारा पांडिचेरी पर कब्जा कर लिया गया था। 13 वीं शताब्दी में, चोलों को पांड्यों द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था। बाद

उद्योगों को जल्दी क्लीयरेंस देने के लिए किस राज्य ने ‘डायरेक्ट CTO’ (Consent to Operate) नामक पहल लांच की है?

उत्तर – तमिलनाडु तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानिस्वामी ने हाल ही में डायरेक्ट CTO’ ((Consent to Operate) पहल को लांच किया है। इसका उद्देश्य ‘ग्रीन केटेगरी इंडस्ट्रीज’ को शीघ्र क्लीयरेंस उपलब्ध करवाना है। इससे ‘ग्रीन केटेगरी’ सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों को लाभ होने के आसार हैं।

आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 के अनुसार वित्त वर्ष 21 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर कितनी रहेगी?

उत्तर – 6-6.5% वित्त वर्ष 2020 के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया। इस सर्वेक्षण में पिछले 12 महीने में भारतीय अर्थव्यवस्था के रुझानों को दर्शाया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष की विकास दर 5% है। 2020-21 में जीडीपी वृद्धि दर 6% से