SBI ने वित्त 22 के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान को संशोधित कर 7.9% किया
भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक अनुसंधान विभाग ने “इकॉरैप 2021” (Ecowrap 2021) रिपोर्ट प्रकाशित की है और वित्तीय वर्ष 2022 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान को पहले के 10.4 प्रतिशत से संशोधित कर 7.9 प्रतिशत कर दिया है। इस रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बड़े प्रभाव पर प्रकाश डाला गया है।
मुख्य बिंदु
- इसमें कहा गया है, चालू वित्त वर्ष में अंतरराष्ट्रीय वस्तुओं कीमतों के प्रक्षेपवक्र (trajectory) से जीडीपी आउटलुक प्रभावित होगा।
- वस्तुओं की ऊंची कीमतों का प्रभाव घरेलू कीमतों पर दिखाई देगा जिसका असर खपत पर भी पड़ेगा।
- कुल खपत प्रक्षेपवक्र व्यापार, परिवहन, होटल, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं में सुधार पर निर्भर करेगा, जो 25 करोड़ परिवारों का समर्थन करता है।
- वित्तीय वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में कॉर्पोरेट ने बेहतर विकास संख्या दर्ज की। हालाँकि, रिपोर्ट के अनुसार प्रवृत्ति उलट हो सकती है।
- H1 (अप्रैल 2020-सितंबर 2020) में ₹4 लाख करोड़ की हानि दर्ज की गई, जबकि H2 (अक्टूबर 2020 – मार्च 2021) में 3 लाख करोड़ की सूचना दी गई है।इस प्रकार, कुल वार्षिक नुकसान ₹6.1 लाख करोड़ था।
तीसरी लहर का प्रभाव
इस रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष देशों के लिए तीसरी लहर की औसत अवधि 98 दिन है जबकि दूसरी लहर की 108 दिन है। इस प्रकार, यह सुझाव देता है कि तीसरी लहर की तीव्रता गंभीर हो सकती है। हालांकि, अगर भारत बेहतर तरीके से तैयार होता है, तो गंभीर मामलों की दर में गिरावट से मौतों की संख्या में कमी आएगी।
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