RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आयोजित की गयी : मुख्य बिंदु
हाल ही में आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक आयोजित की। इस बैठक के दौरान, भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 4% पर अपरिवर्तित रखा है। रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI बैंकों को उधार देता है। रिवर्स रेपो रेट को 3.35% पर बरकरार रखा गया है।
मुख्य बिंदु
- इस बैठक में यह निष्कर्ष निकाला गया कि मौद्रिक नीति का “Accommodative Stance” जारी रहेगा। Accommodative Stance का अर्थ है कि वित्तीय प्रणाली में धनराशी निवेश करने के लिए शीर्ष बैंक दरों में कटौती जारी रखेगा।
- बैंक दर और सीमांत स्थायी सुविधा को 25% पर अपरिवर्तित रखा गया है।
- वर्ष 2020-21 के लिए वास्तविक जीडीपी का अनुमान -5% रखा गया है।
- 2020-21 की तीसरी तिमाही में जीडीपी के 1% बढ़ने का अनुमान है।चौथी तिमाही में, जीडीपी के 0.7% से बढ़ने की उम्मीद है।
- तीसरी तिमाही के लिए CPI मुद्रास्फीति 8% और चौथी तिमाही के लिए 5.8% अनुमानित है।
- कॉन्टैक्टलेस कार्ड ट्रांजेक्शन की सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन कर दी गई है।इसे जनवरी 2021 में लागू किया जायेगा।
- RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) सिस्टम को कुछ ही दिनों में 24/7 बनाया जायेगा।
मुद्रास्फीति
कोविड-19 संकट के दौरान, मुद्रास्फीति आरबीआई के अनुमानित रेंज 2% से 6% के बीच बनी हुई है। सीपीआई पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर 2020 में 7.61% तक पहुँच गयी थी। यह मई 2014 के बाद से सबसे अधिक खुदरा मुद्रास्फीति है। मई 2014 में यह 8.33% थी।
RBI के GDP के अनुमान
अक्टूबर में, RBI ने अपने MPC बैठक में कहा था कि भारत की वास्तविक GDP वृद्धि -9.5% रहेगी। 2020 की दूसरी तिमाही (जुलाई, अगस्त और सितंबर) में जीडीपी 2019 की तुलना में 7.5% तक संकुचित हुई है है।
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